Indian Currency : भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में ऐलान किया है कि वह जल्द ही 100, 200 और 50 रुपये के नए बैंक नोट जारी करेगा, जिन पर नए गवर्नर संजय मल्होत्रा के हस्ताक्षर होंगे। लेकिन यहां एक खुशखबरी यह है कि इन नए नोटों का डिज़ाइन पहले जैसा ही रहेगा, यानी जो लोग पहले से 100, 200 या 50 रुपये के नोटों का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें किसी भी तरह के बदलाव की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।
आरबीआई ने साफ तौर पर यह भी कहा है कि पहले जारी किए गए 100, 200 और 50 रुपये के नोट पूरी तरह से वैध बने रहेंगे। नए गवर्नर के हस्ताक्षर वाले नए नोट आने से पुराने नोटों की वैधता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इस तरह से, अगर आपके पास पुराने नोट हैं, तो आप उन्हें बिना किसी दिक्कत के इस्तेमाल कर सकते हैं।
नए नोटों का डिज़ाइन वही, बस गवर्नर का हस्ताक्षर बदल जाएगा
महात्मा गांधी (नई) श्रृंखला के नोटों के डिज़ाइन में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। सिर्फ गवर्नर के हस्ताक्षर में परिवर्तन होगा। नए नोटों पर संजय मल्होत्रा के हस्ताक्षर होंगे। सबसे पहले 100 रुपये और 200 रुपये के नए नोट जारी होंगे और बाद में 50 रुपये का नया नोट भी बाजार में आएगा।
अगर आपने गौर किया हो तो, यह वही महात्मा गांधी (नई) श्रृंखला है, जो पहले जारी की गई थी, जिसमें गांधी जी का चित्र, सुरक्षा फीचर्स, और रंग की थीम वही रहेगी। फर्क बस इतना है कि गवर्नर के हस्ताक्षर बदल जाएंगे।
संजय मल्होत्रा कौन हैं?
संजय मल्होत्रा का नाम अब भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के गवर्नर के रूप में सामने आया है, और उनके बारे में जानकर आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि वे एक बेहद अनुभवी आईएएस अधिकारी हैं। वे राजस्थान कैडर के 1990 बैच के अधिकारी हैं और उन्होंने IIT कानपुर से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। इसके अलावा, वे अमेरिका की प्रतिष्ठित प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर डिग्री भी हासिल कर चुके हैं।
संजय मल्होत्रा के करियर की बात करें तो उन्होंने लगभग 33 सालों तक अलग-अलग क्षेत्रों में काम किया है। उन्होंने बिजली, वित्त, टैक्स, आईटी और खनिजों के क्षेत्र में अहम जिम्मेदारियां निभाई हैं। इसके अलावा, वे भारत सरकार में राजस्व सचिव के पद पर भी कार्य कर चुके हैं और वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग में सचिव भी रहे हैं।
आरबीआई गवर्नर बनने का क्या कारण है?
संजय मल्होत्रा को टैक्स, वित्त और सार्वजनिक नीति के क्षेत्र में उनका गहरा अनुभव देखकर आरबीआई गवर्नर बनाया गया है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है और उनके पास अप्रत्यक्ष कर नीति, वित्तीय सेवाओं और मनी पॉलिसी पर गहरी समझ है। उनकी अनुभव के चलते उन्हें देश की मौद्रिक नीति को दिशा देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इससे यह भी साफ है कि आरबीआई गवर्नर के रूप में उनका चुनाव सिर्फ एक प्रशासनिक निर्णय नहीं था, बल्कि यह उनके क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर किए गए काम और उनके द्वारा प्रदर्शित नेतृत्व की स्वीकृति भी है।
पुराने नोटों का क्या होगा?
अगर आपके पास पुराने 50, 100 या 200 रुपये के नोट हैं, तो आपको चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। आरबीआई ने यह साफ कर दिया है कि पहले जारी किए गए नोट पूरी तरह वैध रहेंगे। इन नोटों को आप बिना किसी समस्या के सामान्य रूप से इस्तेमाल कर सकते हैं। चाहे पुराने नोट हों या नए, किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी।
इस फैसले से यह भी साबित होता है कि आरबीआई पुराने नोटों को पूरी तरह से चलन में रखेगा, ताकि लोगों को बदलाव के कारण किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े।
नए नोटों की विशेषताएं और महत्व
नए नोटों पर केवल गवर्नर के हस्ताक्षर में बदलाव होगा, परंतु जो अन्य सुरक्षा फीचर्स हैं, वे वही रहेंगे। महात्मा गांधी (नई) श्रृंखला की विशेषताएँ, जैसे वाटरमार्क, सिक्योरिटी थ्रेड, माइक्रो टेक्स्ट, और बैकग्राउंड में छिपे हुए फीचर्स, सब कुछ वही रहेगा। इसके अलावा, रंग और आकार में भी कोई बदलाव नहीं होगा।
यह कदम आरबीआई की ओर से यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि नोटों की वैधता और विश्वास बनाए रखा जाए, और लोग आसानी से उन्हें पहचान सकें। संजय मल्होत्रा के हस्ताक्षर वाले नोट आने के बाद भी पुराने नोटों की वैधता बरकरार रहेगी, जिससे आम जनता को कोई असुविधा नहीं होगी।
यह आरबीआई का फैसला भारतीय मुद्रा व्यवस्था को लेकर एक ठोस कदम है। नए गवर्नर के हस्ताक्षर वाले नोट आने के बावजूद पुराने नोटों की वैधता जारी रखने से आम जनता को यह संदेश जाता है कि आरबीआई बदलाव की प्रक्रिया में भी लोगों की सुविधा का पूरा ख्याल रखता है। अगर आपके पास पुराने नोट हैं, तो आप बिना किसी चिंता के उन्हें यूज़ कर सकते हैं, क्योंकि वे पूरी तरह वैध हैं। और हां, नए नोटों के साथ एक नया चेहरा जरूर जुड़ा है, लेकिन डिज़ाइन वही रहेगा, जो आपको पहले से familiar है।